मशहूर शायर मुनव्वर राणा का देर रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया है. वह कई दिनों से बीमार थे. पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था.
आज एक आवाज शांत हो गई. मां पर कई रचनाएं लिखने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राणा का देर रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. वह कई दिनों से बीमार थे. उनका लखनऊ के पीजीआई में इलाज चल रहा था. मुनव्वर को किडनी और हार्ट संबंधी कई समस्याएं थी.
पिछले साल मुनव्वर राणा को तबीयत खराब होने पर लखनऊ के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब भी उनकी हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. राणा की बेटी और सपा नेता सुमैया राणा ने बताया था कि उनके पिता का स्वास्थ्य पिछले दो-तीन दिनों से खराब है. डायलिसिस के दौरान उनके पेट में दर्द था जिसके चलते डॉक्टर ने उन्हें एडमिट कर लिया. उनके गॉल ब्लैडर में कुछ दिक्कत थी, जिसके चलते उसकी सर्जरी की गई. तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो उसके बाद वह वेंटिलेटर सपोर्ट सिस्टम पर चले गए.
विवादों से रहा है पुराना नाता
मुनव्वर राणा का विवादों से भी गहरा नाता रहा है. 2022 में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव से पहले मुनव्वर राणा ने कहा था कि योगी आदित्यनाथ अगरह दोबारा मुख्यमंत्री बने तो यूपी छोड़दूंगा. दिल्ली-कोलकाता चला जाऊंगा. मेरे पिता ने पाकिस्तान जाना मंजूर नहीं किया लेकिन अब बड़े दुख के साथ मुझे यह शहर, यह प्रदेश, अपनी मिट्टी को छोड़ना पड़ेगा।
कौन थे राणा?
मुनव्वर राणा प्रसिद्ध शायर और कवि थे, उर्दू के अलावा हिंदी और अवधी भाषाओं में लिखते थे. मुनव्वर ने कई अलग शैलियों में अपनी गजलें प्रकाशित कीं. उनको उर्दू साहित्य के लिए 2014 का साहित्य अकादमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award) और 2012 में शहीद शोध संस्थान द्वारा माटी रतन सम्मान (Maati Ratan Samman) से सम्मानित किया गया था. उन्होंने लगभग एक साल बाद अकादमी पुरस्कार लौटा दिया था. साथ ही बढ़ती असहिष्णुता के कारण कभी भी सरकारी पुरस्कार स्वीकार नहीं करने की कसम खाई थी.